फेकू खबरी: पत्थरबाजों का सालाना पैकेज देख इंजीनियर ने छोड़ शुरू किया अपना स्टार्टअप, investor की तलाश|
05:04कश्मीर में सैन्य बलों पर हो रही पत्थरबाज़ी कोई नई बात नहीं है।बड़गाम में भी पत्थरबाज़ों ने सेना पर हमला किया । इसके बाद एक चैनल द्वारा स्टिंग ऑपरेशन में यह खुलासा हुआ कि पत्थरबाज़ महीने के दस हज़ार से ग्यारह हज़ार तक कमा लेते हैं। इस खबर के बाद पूरे देश में हड़कम्प मच गया है। कई बेरोज़गार और यहाँ तक की महीने का तीस से पचास हज़ार कमाने वाले लोग भी नौकरी छोड़ इस व्यवसाय का हिस्सा बनने का सोच रहे हैं।
स्टिंग ऑपरेशन के दौरान नाम ना बताने के शर्त पर एक पत्थरबाज़ ने खुलासा किया कि ”हमें पत्थर फेकने के लिए महीने का 10000 से 11000 रुपये मिलता है। जितने सैनिकों पर हमला हो उस हिसाब से रेट बढ़ता जाता है। और अगर कोई सैन्य बलों द्वारा मारा जाता है तो उसके परिवार को ज्यादा पैसे मिलते हैं। हर पत्थर का अलग रेट होता है। इन सब के बाद हंगामा करने का और घाटी में बंद का एलान करने का अलग चार्ज लगता है।” इस खुलासे के बाद आई.टी. सेक्टर में हंगामा मच गया है। एक अनपढ़ कश्मीरी को पत्थर फेकने के लिए दस हज़ार रुपये मिलते हैं यह जानने के बाद पिछले साल ही एक नामी गिरामी कम्पनी में रिक्रूट हुए विवेक ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
प्रतीक ने 'खुले में सोच' से बातचीत में बताया कि ”यहाँ सालों पढ़ाई करने के बाद भी फ्रेशर की सैलरी 2 लाख से ऊपर नहीं होती, दिन का 12 घंटे और संडे को ओवरटाइम करने के बाद भी दिन का 500 रुपया भी ढंग से नहीं मिलता। धिक्कार है ऐसी नौकरी पर इससे अच्छा तो मैं घाटी में जाकर पत्थर ही फेंकूँ ये शानदार धंधा है। यह सब जानने के बाद तो मैंने अब कश्मीर की टिकट करा ली है। मैं दो दिन से पड़ोसियों पर पत्थर फेंकने की प्रैक्टिस कर रहा हूँ।” इसके अलावा राहुल के कई और साथियों ने भी ऩौकरी छोडने का मन बना लिया है और अपने खुद के स्टार्टअप पर शानदार काम चालू कर दिया है ।
हमने अपनी स्टार्टअप किट और पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन भी तैयार किया है जो जल्द ही हम इन्वेस्टर को ये आइडिया पिच करेंगे। हमारा सपना मेक इन इंडिया से भी बढ़ा होगा और उम्मीद है लोगो को ये आईडिया पसंद भी आएगा।

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